भारत में कई नगर है. हैदराबाद इन सब में अनोखा है. कलकत्ता, मुंबई, दिल्ली और चेन्नई - इन चार महानगरो के बाद पांचवे क्रम पर हैदराबाद का नाम आता है. यह भारत के दक्षिण में है. यह प्रदेश में है. यह आंध्र प्रदेश की राजधानी है.
हैदराबाद की नीव कुतुबशाह सल्तनत के पांचवे बादशाह मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने रखी है. इस नगर का एक प्राचीन नाम भाग्यनगर भी है. हैदराबाद एक नगराद्वय है. इसके प्रमुख भाग का नाम हैदराबाद है तथा दूसरा सिकंदराबाद मुख्यः फौजी छावनी थी .
हैदराबाद एक ऐतिहासिक नगर है. यह साफ - सुथरा और दर्शनीय नगर है. यहाँ अनेक दर्शनीय स्थल है. मूसी नदी के एक ओर पुराना शहर है और दूसरी ओर नया शहर. पुराने शहर में चारमिनार जैसी इमारत स्थित है. इसका निर्माण पंद्रहवी शती में हुआ. सुलतान मुहम्मद कुली कुतुबशाह ने इसकी नीव सन् १५९२ में राखी थी. इसकी मीनारे बहुत ऊंची है. इन मीनारों पर से सारे हैदराबाद की झांकी दिखाई देती है. चारमिनार के अतिरिक्त पुराने शहर में और भी कई इमारते है. मक्का मस्जिद, फलकनुमा महल आदि इनमे प्रमुख है.
हैदराबाद नगर का एक प्रमुख आकर्षण 'हुसैन सागर' है. यह हैदराबाद और सिकंदराबाद को जोड़ता है. इसे सन् १५७५ में इब्राहीम कुली कुतुबशाह ने बनाया था. उस समय इसकी लागत ढाई लाख रूपये की थी. पर्यटकों के लिए इसका महत्व अत्यधिक है. शाम के समय इसकी शोभा देखते ही बनती है. यहाँ पर 'बोटिंग' क्लब भी है. यह 'टैक बंड' के नाम से प्रसिद्द हो रहा है.
हैदराबाद को तालाबों का शहर कहा है. यही उस्मानसागर, हिमायत सागर, मीर-आलम तालाब आदि महत्वपूर्ण है, जो रमणीय और दर्शनीय है. पिछले वर्षो यहाँ 'नेहरू जुआलाजिकल पार्क और दर्शनीय है. यह मीर-आलम तालाब की तलहटी में स्थित है. यहाँ तरह-तरह के पशु-पक्षी है. सफारी पार्क यहाँ का प्रमुख आकर्षण है. छुट्टियों के दिन यहाँ बडी संख्या में लोग आते है.
नगर के अन्य आकर्षक स्थलों में बिरला मंदिर और बिरला प्लानिटोरियम है. ये नगर के बीचों-बीच नौबत पहाड़ पर स्तिथ है. सालारजंग म्यूजियम में देश-विदेश की संग्रहित वस्तुएँ है. उस्मानिया विश्वविद्यालय, उच्च न्यायलय आदि के भवन भी दर्शनीय है, तथा पर्यटन के प्रशंसा के केंद्र है. इस नगर के निकट गोलकोंडा एक ऐतिहासिक महत्व का किला है, जहां कोहिनूर हीरा प्राप्त हुवा था. कुल मिलाकर हैदराबाद नगर ऐतिहासिक और आधुनिक-दोनों दृष्टियों से एक महत्वपूर्ण नगर है.