आतंकवाद
आज की तारिख में आतंकवाद आधुनिक समाज की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है I केवल भारत में ही नहीं, पूरे विश्व में आतंकवाद की जड़ें फ़ैल चुकी हैं I आतंकवाद तथा उसे फैलाने वालों के कारण आज हमारे देश को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है I पहले पंजाब और फिर जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद ने अपनी जड़ें मज़बूत कीI आज आतंकवाद पूरे देश भर में फ़ैल चूका है I आतंकवादी गतिविधिओं के कारण देश में सकारात्मक कार्य-कलापों को भरी नुक्सान पहुँच रहा है I आज समूचा देश आतंकवाद रूपी दैत्य की चपेट में आ चूका है I आज आतंकवादी संगठन न सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जड़ें मज़बूत कर रहे हैं I अपने देश के अन्दर की समस्याओं का तो हम समाधान कर सकते हैं पर सीमा पार से चलाए जा रहे आतंकवाद का सामना करना अत्यंत कठिन है I अतः आतंकवाद की समस्या पर सम्पूर्ण विश्व को एकमत होकर कार्य करना होगा क्यों की यह केवल हमारी समस्या नहीं है बल्कि आज यह समूचे विश्व की समस्या है I
अखबारों में आज-कल अपहरण, हत्या, बम विस्फोट, लूट-पात इत्यादि आतंकवादी गतिविधिओं की ही खबर है I आज देश का आम आदमी सुरक्षित नहीं है I आज के हमारे आधुनिक समाज में कुछ भी संभव है, कोई भी अनहोनी कभी भी घाट सकती है I मासून बच्चों के हाथ में हथियार थमा कर उन्हें आतंकवादी बनाया जा रहा है I सीमा पार ऐसे अनगिनत प्रशिक्षण केंद्र हैं जहाँ उन्हें आतंक फैलाने के लिए पूरी तरह तैयार किया जाता है I आतंकवादी संगठन उनकी गरीबी का फ़ायदा उठाकर उन्हें अपने जाल में फांस लेते हैं I इसी गरीबी और बदहाली भरे जीवन के कारण पढ़े-लिखे बेरोजगार नौजवान आतंकवाद की और अपना कदम बढाते हैं I उनकी कंजोरी का फ़ायदा उठाकर उन्हें धर्म के नाम पर भड़काया जाता है I इसी आतंकवाद के कारण कश्मीर अपनी सुन्दरता खो चूका है I आज वादिओं में प्यार और भाईचारा नहीं, बल्कि आतंकवाद पनपता है I कभी जिस कश्मीर की तुलना स्वर्ग से की जाती थी आज वही कश्मीर नर्क बन चूका है I इसका कारण कवल और केवल आतंकवाद है I
देश में फैले हुए इस आतंकवाद के कारणों का पता लगाना कोई मुश्किल काम नहीं हैI पढ़े-लिखे बेरोजगार युवक आज आतंकवादी बन रहे हैं I उनकी लाचारी और बेबसी का फ़ायदा उठाकर थोड़े से पैसं में उन्हें खरीद लिया जाता है I कुछ लोगों की महत्वाकांक्षा ने भी देश में आतंकवाद को बढावा दिया है I ये लोग अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए आतंकवादिओं और असामाजिक तत्वों की सहायता करते और लेते हैं ताकि समाज के निचले वर्गों का शोषण कर सकें और अपनी झोली भर सकें I इस पूरी प्रक्रिया में मासूम बच्चों का जीवन नष्ट होता ही है, साथ ही साथ, न कवल उनका परिवार नष्ट होता हैा, बल्कि पूरा समाज दूषित हो जाता है I सीमा पार बैठे दुश्मन से ज्यादा खतरनाक घर के अन्दर घुसा वह दुश्मन है जो दीमक की तरह अन्दर ही अन्दर जड़ों को खोखला बनता जाता है I आज लोग अपनी बदली हुई मानसिकता के कारण सही और गलत का विचार नहीं कर पाते और सहज ही मारे लालच के बुराई की और चले जाते हैं I सरकारी अधिकारी और राजनेता भी कुछ कम नहीं हैं I कहीं न कहीं, किसी न किसी तरह, आतंकवाद के जोर पकड़ने के लिए वे भी उत्तरदायी हैं I लोगों के मन में बसा डर भी एक कारण हो सकता है I हम सबको अपना और अपने परिवार का जीवन प्यारा होता हैI जब अपनी जान पर बन आती है, आदमी दूसरों की परवाह नहीं करता, समाज और देश तो दूर की बात है I आदमी के मन में बसा येही वोह डर है जिसके कारण वह आतंकवाद का विरोध नहीं कर पाटाI वह भूल जाता है कि ज़ुल्म धाने से बड़ा अपराधी ज़ुल्म सहने वाला होता है I
ऐसा बिलकुल नहीं है कि दुनिया भर की सरकारें हाथ पर हाथ धरे बैठी हैं I संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् ने आतंकवाद के विरुद्ध १६ अन्रार्राष्ट्रीय नियम बनाए हैं I संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य राष्ट्र कडाई से इन नियमों का पालन कर रहे हैं I संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व भर में आतंकवाद के रोक-थम के लिए कार्यरत है I विभिन्न देशों में कई कार्यक्रम आरंभ किए गए हैं जिनका मूल उद्देश्य आतंकवाद पर अंकुश लगाना हैI ९/११ की घटना न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरे विश्व के इतिहास में एक काले दिन के रूप में याद किया जाएगा I सिर्फ अमेरिका ही क्यों, इंग्लैंड में भी आतंकवादी घटनाएँ हो चुकी हैं I अफगानिस्तान कई वर्षों तक आतंकवाद की चपेट में रहा I भारत वर्ष पिछले तीन दशकों से आतंकवाद की समस्या से जूझ रहा है I हम इस समस्या से सबसे अधिक पीड़ित हैं I ऐसा कोई सप्ताह नहीं जाता जब कोई आतंकवादी घटना नहीं घटी हो I आतंकवाद से सबसे अधिक जान-माल का नुक्सान हमारा ही हुआ है I भारत को चाहिए कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में वह पूरे विश्व की अगवाई करे I आज दुनिया के सभी देश भली भांति समझ चुके हैं की आतंकवाद सबकी समस्या है, किसी एक देश कि नहीं I
आतंकवाद रुपी इस समस्या का हल निकालने के लिए हम सब को एकजुट होकर कार्य करना होगा I मानवता को ऊपर उठाना होगा ताकि आतंकवाद का दमन किया जा सके I लोगों को अपनी आँखें खोलनी होंगी ताकि देश में ही नहीं, पूरे विश्व में शांति की स्थापना हो सके I दुनिया भर की सरकारों को आतंकवाद के मुद्दे पर एकमत होकर आगे बढ़ना होगा ताकि इस समस्या का कोई ठोस हल निकल सके I हमें अपने बीच की विविधताओं और असमानताओं को भुलाकर निरंतर आतंकवाद के विरुद्ध कार्यरत रहना होगा I युवा पीढी को सामने आना होगा और इस लड़ाई की बाग़-डोर अपने हाथों में लेनी होगी I युवाओं को अपने व्यक्तिगत स्वार्थ से ऊपर उठकर देश और समाज के बारे में सोचना होगा I हमें नींद से जागना होगा और खुली आँखों से दुनिया देखनी होगी I
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