टेलीविजन विज्ञानं की अनोंखी देंन है | टेलीविजन का अविष्कार प्रमुख रूप से अमेरिकी वैज्ञानिक एल्ल्नन बी ड्यूमांट ऩे किया था | टेलीविजन के परदे पर हम कलाकार को एक साथ नाचते, गाते, संवाद बोलते और अभिनय करते हुए देख सकते है | वैसे ही समचारोंके साथ ही उनसे संबंधित दूर दूर की घटनाओं के दृश्य हम परदे पर देख सकते है | यह समाज और राष्ट्र को जागृत करने का एक सशक्त माध्यम है|
इसके साथ साथ टेलीविजन आज प्रतिदिन नई खबर सुनानेकी होड़ में अग्रेसर हो गाया है | इनमे राजनिति, व्यापार,खेल तथा मौसम ,फिल्म , रेल सडक दुर्घटना ,हत्या ,लूटपाट आदि के बारेमे भी जानकारी होती है | कुछ साल पहले टेलीविजन पर थोडेही चैनल हुआ करते थे , पर आज की तारीख में ढेरों चैनल एक दुसरे पर हावी हो रहे है | "पहली बार हमारे चैनल पर! '' और '' ब्रेकिंग न्यूज '' का तड़का देते नही थकते | वह भी चिल्ला चिल्ला कर देने की कोशिश रहती है | एक बार दिखया हुआ दृश्य बारबार दिखाया जाता है|
रोज रोज ऐसी खबरें सुनते सुनते अब लोगोंके दिलोदिमाग पर असर होने लगा है | लोग या तो ऐसी खबरे सुनकर नजरंदाज कर देतेहै या उसे दिलपर नही जमाते | ऐसी खबरे सुनना उनकी अब एक आदत हो गई है बस इससे ज्यादा और कुछ नही | हाथ में रिमोट लिया चैनल बदला | एक ही खबर अलग तरीकेसे अलग चैनल पर | कोई जोर से बोल रहा है ,कोई चिल्लाकर , कोई बार बार वह दृश्य दिखाकर | लोगोंके दील और दिमाख पर कोई परिणाम नही | उस खबर
के बारेमे सोचने का अवसर ही नहीं| देखो और भूल जाओ | नया दिन नई खबर |
समाचार लोगोंके विचारों और भावनाओं पर गहरा असर डालते है | इसका एक ये भी उपयोग होता है की समाज की बुराइयाँ दूर करें ,लोगोंमे देशप्रेम की भावना जगाये और संकट के समय पिडितोंकी सहायता करें और कुछ हद तक ये कार्य होताभी है | सिर्फ तरीका थोडा सही होनेकी आवश्यकता है|
अपने चैनल का नाम अग्रेसर करने के लिए उसमे बताई गई खबरे सही और सच्चाई के साथ देने की कोशिश होनी चाहिए | समाज में भ्रम पैदा करनेवाली सनसनीखेज खबरे और भड़काऊ बयानदेकर देश की शांति भंग ना करें|
आज इतने समाचार चैनल होतेहुए भी लोग शांतिसे अपना अपना समाचारपत्र पढ़ना पसंद करते है | यह खबर इस टेलीविजन समाचार चैनल वालोने रखनी चाहिए |