जाँच के मुताबिक भारतीयोंको मधुमेह का अनुवांशिक धोका सबसे अधिक है | मधुमेह एक गंभीर स्वरुप कि बीमारी है ही पर उसका संबंध हृदय रोग से भी होसकता है | मधुमेह में कोरोनरी और हाथ ,पैर कि रक्तनलिकाओं पर बुरा प्रभाव पड़ता है | शरीर में लिए गए आहार का सही तरीकेसे पचन होने के बाद उसका रूपांतर ग्लुकोज शक्कर में और शक्कर का रूपांतर ऊर्जा में होता है | रक्त के अन्दर ग्लुकोज कि मात्रा सामान्य रखने का काम इन्सुलिन करता है | ग्लुकोज का उपयोग और ग्लुकोज को जमा करनेका काम भी इन्सुलिन करता है | मधुमेह इस रोग में इन्सुलिन का या तो अभाव होता है या उसका प्रमाण कम होताहै |
मधुमेह आपके नसोंको नुकासान करता है , जिसके कारन आपके पैरोंके तलोंकी संवेदना कम हो सकती है | उस कारन छोटी छोटी जख्म हो सकती है | मधुमेह के कारन आपकी पैरोंकी तलवोंको कम रक्त मिलता है जिस कारन पैरोंमें होनेवाली जख्म को भरने में ज्यादा वक्त लगता है |
मधुमेहवालें ये जाँच करें
****** पैरोंको होनेवाले जख्मोंकी हमेशा जाँचपड़ताल करें |
******* पैरोंपर सुजन ,लाल होना , दुखाना ,त्वचा के ऊपर चिर होना या संवेदनक्षमता का अभाव होना |
ये खबरदारी रखें
पैर हमेशा स्वच्छ रखें ,रक्त में होनेवाली शक्कर का प्रमाण नियंत्रित रखें | घर के अन्दर चप्पल पहने , बूट , मोज़े पहनके ही घरके बाहर जाएँ |
नियमित व्यायाम आपके शारीर में शक्कर का संतुलन बनाये रखता है | व्यायाम से शरीर के स्नायु में इन्सुलिन का उपायोंग अच्छी तरह होता है |
व्यायाम शरीर के कोलेस्ट्रोल को संतुलित रखता है |
चलते समय थोडासा नास्ता करें , अगर शरीरमें शक्कर कम होगई हो तो मिठे पदार्थ खाएँ , अन्यथा शक्कर खाएँ |
मधुमेह ना हो इसकी खबरदारी पहलेंसे ही लें | खान पान में सादगी रखें | घर का निर्मल भोजन करें | नियमितरूप से योग और योगा करें |
आहार -विहार में संतुलन रखने से जीवन निरामय रहता है |