हम सभी लोगों को कभी ना कभी सही तरह ना सोने की दिक्कत होतीं हैं।परन्तु जब ये दिक्कत लगातार होने लगती है तो हम इसे बीमारी कहते हैं क्योंकि इससे हमारी रोजमर्रा की जिंदगी पर असर पड़ने लगता है। कम नींद आने से हमारी सेहत पर असर पड़ता है। दिन भर हम थका थका सा महसूस करते है, सिर में दर्द रहता है। आज कल की जिंदगी में जब मंहगाई इतनी बड गई है आदमी को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए और अपने आप को दूसरो से बढ़िया सिद्ध करने के लिए ज्यादा काम करना पड़ता है और कभी कभी ऑफिस में ज्यादा समय देना पड़ता है ऐसे में कभी कभार ज्यादा स्ट्रेस की वजह से नींद नहीं आती जो की आगे जाकर और कई बीमारियों को जन्म देती है।जब किसी को लगने लगे की उसको रात को नींद सही तरह नहीं आ रही तो ऐसे में उसे सबसे पहले मान लेना चाहिए की उसे नींद ना आने की बीमारी है और उसे तुरंत कुछ ऐसे नुस्के अपनाने चाहिए कि उसके नींद पूरी हो सके यदि वो ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पा रहा हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
नींद ना आने की बीमारी/समस्या:
हमारी नींद हमारी सेहत का सबसे बड़ा राज होती है जो लोग पूरे 7~8 घंटे सोते हैं वो हमेशा स्वस्थ महसूस करते हैं बजाय उनके जो पूरे दिन में कम सोते हैं। हमारी 7~8 घंटे की ये नींद हमे पूरे दिन फ्रेश रखती है। कम नींद हमरी काम पर असर डालती है। मैंने हमेशा महसूस किया है जब भी मै कर देर के लिए सोता हूँ तो पूरे दिन थका हुआ महसूस करता हूँ और काम में भी दिल नहीं लगता। ये सच है जो लोग दिन में सोते हैं उन्हें रात को कम नींद आती है पर इसमें कुछ गलत नहीं है क्यूंकि वो दिन में सोकर नीद पूरी कर लेते हैं। परन्तु हमें कोशिश यही करनी चाहिए की हम दिन में ना सोकर रात को ही सोयें। अगर किसी को लगे कि उसे अनिंद्रा की बीमारी है और वो पूरी नींद नही ले पा रहा है तो उसे अपनी दिनचर्या को चेक करके उसमे कुछ फेरबदल करके देखने चाहिए क्या पता शायद इससे कुछ फरक पड़े और अगर इससे फरक नहीं पड़ता तो दावा लेनी चाहिए।
अनिंद्रा के चिन्ह:
हरेक व्यक्ति को कभी कभार कम नीद आती है पर हम यह कैसे मान ले कि हम अनिंद्रा से ग्रस्त हैं। इसके लिए हमें आत्म संकलन करना चाहिए। यदि हम नीचे लिखे बिन्दुओं में से किसी सी भी बिंदु को अपने में महसूस करते हैं तो इसका मतलब हम अनिंद्रा के शिकार हैं।
क्या यह अनिंद्रा के चिन्ह हैं?
क्या आप:
# दिन में थका हुआ और चिडचिडा सा महसूस करते हैं।
# टीवी देखते हुआ या किताब पड़ते वक़्त आपको नींद आने लगती है।
# ड्राइविंग करते वक़्त थकान महसूस करते हैं या आपको नींद आने लगती है।
# किसी भी चीज़ पर कंसन्ट्रेट करने में दिक्कत होती है।
# सभी लोग आपको कहते हैं कि आप थके हुए से लग रहे हैं।
# आप हेरेक चीज़ में सुस्त हैं।
# आप अपनी उत्तेजनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते।
# दिन में नींद आती है।
हमेशा अपने सोने का हिसाब किताब रखें। आप किस समय सोते हैं कितना सोते हैं इन सब बातों का ख्याल रखें। बिस्तर पे जाने से पहले चाय या कॉफ़ी का सेवन ना करे क्यूंकि ये दोनों चीजें नीद को मारती हैं व हमें हमेशा सोने के कम से कम 2~3 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए। शायद हम इन बातों का ध्यान रखें तो हम इस बीमारी से उबर सकतें हैं। सोने से पहले अगर नहा लिया जाये तो हमें अच्छी नींद आती है। इन छोटी छोटी बातों से हम अपनी इस समस्या से निबट सकते हैं।
अपनी दिनचर्या से नींद में सुधार:
अच्छी दिनचर्या और सुनिश्चित समय हमारी इस परेशानी को हल कर सकती है।जैसे कि दिन में व्यायाम करने से रात को अच्छी नींद आती है। जो लोग कम शारीरिक काम करते हैं उन्हें कम नींद आती है बजाय उनके जो पूरे दिन शारीरिक काम करते हैं। दूसरा कोशिश करें कि रात को बेड पे जाते वक़्त सभी तनाव से मुक्त हों जोकि आज के टाइम में बहुत ही मुश्किल काम है पर हमें प्रयास करते रहना चाहिए। हमें निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:
# हमेशा कितनी देर और किस टाइम सोना है इसका ध्यान रखें और कोशिश करें कि हमेशा डेली उतने टाइम और उतनी देर ही सोयें।
# हमेशा सोने के कक्ष में अँधेरा रखें जिससे की बेहतर नींद आये। कक्ष का तापमान सही रखें।
# कोशिश यही करें की सोते वक़्त मोबाइल को बंद कर दें क्यूंकि एक बार सो के उठने के बाद नींद देर से आती है और कई बार नहीं भी आती। हमें टीवी शयन कक्ष में नहीं रखना चाहिए क्यूंकि इससे भी हुमारी नींद पर फरक पड़ता है।
क्या नींद की गोली इस समस्या का हल है?
जब नींद की दवाई थोड़े वक़्त के लिए और डॉक्टर की देखरेख में लेते हैं तो इसका फरक पड़ता है।हालाँकि ये एक अस्थायी हल है फिर भी इससे व्यक्ति को फायदा होता है। परन्तु दिक्कत तब आती है जब व्यक्ति इसका आदि हो जाता है मैंने बहुत से लोग देखे हैं जो बिना नींद की गोली के बगैर नहीं सो पते जो की गलत है ये भी एक तरीके का नशा है।
सोने की दवाएं लेते वक़्त निम्नलिखित बातों का दयां रखें:
# हमेशा दवाई तब लें जब आपके पास पूरे नींद को पूरा करने के लिए पूरे 7~8 घंटे हों अन्यथा दवा ना लें।
# दवा के पैकेट पर लिखे निर्देश को ध्यानपूर्वक पड़ें और इसके अगर कोई साइड इफेक्ट्स हैं तो इसका ध्यान रखें।
# कभी भी सोने की दवा को शराब के साथ ना मिलाएं ये नुकसानदायक हो सकता है।
# कभी भी नीद की दवा लिए हुए गाडी ना चलायें खासतौर से जब आपने ये दवाई लेनी शुरू की हों।