भूमिका
आज के माहोल में यह प्रशन करना ही गलत है , क्योकि जैसा हम जीवन जी रहे है , उसमे शायद ही कोई होगा जिसे तनाव न हो। स्त्री हो या पुरुष, बच्चे हो या बुज़ुर्ग सभी तनावग्रस्त है। तनाव तो जैसे हमारी दिनचर्या का हिस्सा ही बन गया है। क्यों होता है तनाव ? इससे कैसे बचा जाये? इसके लिए जरुरी है निम्न विशेष बाते जो अगर जीवन में लाई जाये तो तनाव से कुछ हद तक बचा जा सकता है
क्या है तनाव ,यह क्यों होता है ?
तनाव को अंग्रेजी में ' स्ट्रेस' कहते है और तनाव के अलावा 'स्ट्रेस ' का एक और अर्थ है और वह है 'जोर देना' देखा जाये तो इस शब्द में ही इसका कारण और निवारण छिपा हुआ है। यानि जिस चीज़ पर हम जोर देते है या जरुरत से ज्यादा जिसकी हम चिंता करते है वह चीज़ हमें तनाव देती है। और किसी चीज़ पर हम जोर तभी देते है जब हम उस चीज़ को सहेज भाव से, सरलता से स्वीकार नहीं करते या अपने आपको उसके अनुकूल नहीं पाते है , तब हम खुद पर चाहे -अनचाहे .जाने अनजाने जोर देते है दबाव डालते है। यही प्रेशर हमारे सुख -चैन में बाधा बनता है और हमें तनाव देता है। फिर यह तनाव कार्य का भी हो सकता है , माहोल का भी। आपसी रिश्तो का भी हो सकता है, पढाई -रोज़गार का भी। जिम्मेदारियों का हो सकता है छोटी सी छोटी बात भी हमें तनावग्रस्त कर सकती है ,लेकिन जीवन इसी का नाम है। सभी चीज़े हमें हमारी इच्छायो और जरूरतों के अनुसार नहीं मिलती। हम चाहकर भी खुद को हर हाल और परिस्थिति में खुश और संतुलित नहीं रख सकते। हमारे शरीर में ऊर्जा और जीवन का समय सीमित है, लेकिन हमारी इछाये , जरूरते , सपने ,उम्मीदे सब असीमित है ,इसलिए इंसान जैसे ही उनको पूरा करने की सोचता है तो वह अपनी ही ऊर्जा के शक्ति के खिलाफ काम करने लगता है। जिससे हमारा सुख चैन दोनों छिनने लगता है और हम खुद को तनावग्रस्त पाने लगते है।
कैसे करे तनाव को कम
कभी भी खाली, तन्हा अकेले न बैठे। किसी न किसी काम में खुद को व्यस्त रखे , क्योकि खाली मन आपको फिर से उन्ही विचारो में ले जायेगा जिससे आप बचना चाहते है या फिर नए नकारात्मक विचारो को जन्म देगा। दिनचर्या को नीरस न बनाये । किसी रचनात्मक कार्य को दिनचर्या में शामिल करते रहे। नए -नए दोस्त बनाये समय निकालकर उनसे मिलते रहे , फ़ोन पर बाते करे , अच्छी गहरी नींद ले। पुरानी यादे ताज़ा करे ,फोटो एल्बम देखे , अपने पुराने सुकून भरे दिन याद करे ,अपने काम का टाइम टेबल भी बना ले ,उसी के अनुसार चलने की कोशिश कर। शुद्ध संतुलित , नियमित भोजन की आदत डाले , पानी का जितना ज्यादा हो सके सेवन करे, अपने अन्दर से संकोच , डर , को बाहर निकाल दे , अनुभवी, सकारात्मक सोच वाले लोगो के बीच रहे , अच्छे गाने सुने और फिल्म देखे। अच्छी किताबे पढ़े। अपनी अलमारी ,दीवार पर महान लोगो की तस्वीर लगाये जीवन का लक्ष्य निर्धारित करे। किसी को अपना आदर्श बनाये। मन को शांत करने के लिए धयान साधना ,मंत्र जाप भी करे। तनाव दूर करने के लिए स्नान और मसाज थेरेपी को भी अपनाये। किसी से कोई उम्मीद न रखे ना ही हर किसी को खुश करने की कोशिश करे। हँसने और रोने में कंजूसी न करे , खुलकर रोये और हँसे। सारी कोशिशो के साथ मन में इस बात का विश्वास रखे की सब ठीक हो जायेगा और जो होता है अच्छे के लिए होता है। यह सोचकर कुछ नियति या भाग्य के हाथो छोड़ दे , तनाव कम हो जायेगा।