Open Means Open Means

 आज के भौतिकवाद में मनुष्य प्रकृति से दूर होता जा रहा है। परन्तु प्रकृति मनुष्य से कभी दूर नहीं हुई। जितना मनुष्य प्रकृति को नष्ट करने पर तुला है उतना ही मनुष्य अनेक प्रकार के रोगों से घिरता जा रहा है। आज की अपेक्षा पहले के प्राणी अधिक मेहनती थे। वे अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सजग थे उनका आहार विहार शुद्ध था।

आज की भागम भाग दुनिया में प्राणी अपने आहार विहार को भूलता जा रहा है। इसलिए प्राणी का अनियमित भोजन व अनुचित आहार विहार हो गया है जिस का सीधा प्रभाव मनुष्य की निद्रा और पाचन व्यवस्था पर पड़ता है। अनिद्रा और पाचन क्रिया का प्रभावी ढंग से काम न करने के कारण कब्ज का रोग उत्पन्न होता है और कब्ज एक ऐसा रोग है जो अनेक बीमारियों को जन्म देता है। मुख्यता वात, कफ, एसिडिटी, गैस, जोड़ो का दर्द, बवासीर आदि बीमारिया तो कब्ज की ही देन  है। आयुर्वेद ने तो चेतावनी देते हुए यहाँ तक कह दिया की "सब रोगों की जड़ ही कुपित मल है।"

कब्ज का सर्वनाश करने के लिए प्रकृति ने मनुष्य के लिए हरड़ के फल का सृजन किया - हरड़, हरित या शिवा के नाम का फल, कब्ज को दूर करने वाली औषधि है। भोजन में पाए जाने वाले सभी रस प्राय: हरड़ में पाए जाते है केवल लवण रस हरड़  में नहीं होता है।
हरड़ का प्रयोग करने के लिए कुछ विवरण इस प्रकार है। 

  1. जल में उबाल कर खाने से हरड़ दस्त को बंद करती है।
  2. छोटी हरड़ को भुनकर उस को कूट कर चूर्ण बना ले व उसमे सेंधा या क़ाला नमक अच्छे से मिलाये और खाना खाने के बाद पानी से ले। इससे वाट, पित, कफ, पसीना आदि को बाहर निकालने का प्रयास करेगी।
  3. भोजन के बाद जिस प्रकार सौंफ आदि लेते है उसी प्रकार आप हरड़ के छोटे - 2 टुकड़े सुपारी की भांति मुंह में लगभग एक घंटे तक चूसते रहे फिर चबा कर निगल जाए। इससे कभी कब्ज नहीं रहेगी। दिन में केवल एक बार ही चुसना है। इससे आप के दांत व मसूड़े भी मजबूत बने रहेंगे।

आज प्राणी एलोपैथिक दवाइयों पर हजारो रूपये खर्च करने को तैयार रहता है। परन्तु सुगमता से उपलब्ध जड़ी - बूटियों का सेवन करने से हिचकिचाता है। इसका कारण इच्छा व आयुर्वेद के प्रति लोगो की जागरूकता का न होना है। आयुर्वेद रोग को जड़ से सदैव के लिए मिटाता है जब की एलोपैथिक रोग का निदान कुछ समय के लिए करता है और रोगी बार-2 डोक्टरो के चक्कर काटता रहता है। स्वस्थ जीवन एवं उदर के विकारो से उत्पन्न होने वाले रोगों से बचने के लिए आज से ही हरड़ का सेवन करना आरम्भ करे और स्वस्थ जीवन का आनंद ले। 

No comments

Login to post a comment

Show
  • Create an account
  • Forgot your username?
  • Forgot your password?
  • About Us
  • Faqs
  • Contact Us
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions