- जो व्यक्ति सदा सत्य बोलता है, उसकी बातों पर समाज के लोग विश्वास करते है।
- सत्यवादी व्यक्ति के साथ लोग नि:शंक और निश्चित होकर व्यव्हार करते है, क्योकि वे जानते है कि "यह सत्यवादी व्यक्ति हमे धोखा नहीं देगा।" इससे समाज के लोगो को सुख मिलता है।
- सत्यवादी व्यक्ति सदा निर्भीक और चिंतामुक्त होकर आनंद से जीता है। उसे कभी किसी से बड़े से बड़े अधिकारी से भी डर नहीं लगता।
- सत्य बोलने वालो की बातों पर जब समाज के लोग विश्वास करते है, तो इस प्रकार से समाज का समर्थन प्राप्त होने से उत्साह बढता है और वह सदा प्रसन्न रहता है।
- सत्य बोलने से समाज में प्रतिष्ठा बढती है। पूर्ण सत्यवादियो का यश युगों-2 तक बना रहता है। जैसे - सत्यवादी आर्य श्री रामचन्द्र महाराज, सत्यवादी महर्षि दयानंद सरस्वती आदि का।
- सत्य बोलने वाले को मानसिक तनाव कभी नहीं सताता। परिणामस्वरूप उसे अच्छी नींद आती है और अच्छी भूख लगती है।
- सत्य बोलने से शरीर के सभी अंग-प्रत्यंग अच्छी प्रकार से कार्य करते है। इससे व्यक्ति रोगों से मुक्त और स्वस्थ रहता है। मन के प्रसन्न रहने से शरीर पुष्ट भी हो जाता है।
- सत्यवादी व्यक्ति सर्वहित की जो भी योजनाएं जनता के सामने रखता है, जनता उसे भरपूर सहयोग देती है, जिससे उसकी सभी सर्वहित की योजनाएं पूर्ण हो जाती है। जनता उसे सहयोग इसलिए देती है, क्योंकि जनता को उस पर विश्वास होता है कि "यह सत्यवादी व्यक्ति है, यह हमारे दिए सहयोग का सदुपयोग ही करेगा, दुरूपयोग नहीं।"
- सत्य बोलने से परिवार, समाज और राष्ट्र में परस्पर विश्वास और प्रेम का वातावरण बनता है, जिससे सभी को सुख मिलता है।
- सत्यवादी का भविष्य उज्जवल होता है अर्थात उसे व्यक्तिगत रूप से भी भविष्य में दूसरे लोगो के द्वारा अधिक-2 सहयोग मिलता है।
- सत्य बोलना संविधान के अनुकूल है। अत: सत्यवादी व्यक्ति 'देशभक्त' कहलाता है। कभी-2 शासन की और से इसका पुरस्कार भी मिल जाता है।
- सत्य बोलने के कारण व्यक्ति के जीवन में अन्य भी अनेक गुण आ जाते है। परिणामस्वरुप व्यक्ति उन सब गुणों के कारण पुण्य कर्म अधिक-2 करता जाता है। इससे उसको अगला जन्म अच्छे मनुष्य के रूप में प्राप्त होता है इस प्रकार से उन्नति करते-2 सत्यवादी व्यक्ति का कुछ जन्मो के बाद मोक्ष भी हो जाता है।