नव वर्ष नवगीत का हो ,
अंतर मन से प्रीत का हो
सुमधुर,सत्य,संगीत का हो ,
उम्मीद की जीत का हो ,
अश्रु पुर्रित अतीत का हो ,
नव वर्ष नव गीत का हो .
नव वर्ष उत्कर्ष का हो
सफलता के स्पर्श का हो ,
स्वस्थ,आनंद,हर्ष का हो ,
साथ बैठ विमर्श का हो .
अमन,चैन की नीद का हो ,
उजड़ी हुई उम्मीद का हो ,
ज्ञान के प्रकाश का हो
मेरे अटूट विश्वाश का हो .
-ऋषि कान्त उपाध्याय.